कभी जीवन कभी मृत्यु। पर असली व पूर्ण मानव तो वह है जो हर स्थिति में सम है। कभी जीवन कभी मृत्यु। पर असली व पूर्ण मानव तो वह है जो हर स्थिति में सम है।
नैसर्गिक बीज एक नील गगन से पहला जब वसुन्धरा पर टपका, माटी की नमी से सिंचित हो वह ध्र नैसर्गिक बीज एक नील गगन से पहला जब वसुन्धरा पर टपका, माटी की नमी से सिंचित...
ना जाने क्यूँ रूठी हूं मैं, हर जगह से टूटी हूं मैं ! ना जाने क्यूँ रूठी हूं मैं, हर जगह से टूटी हूं मैं !
हिम्मत और हौसलों की ऊंचाई कौन नाप पाया है, हिम्मत और हौसलों की ऊंचाई कौन नाप पाया है,
सात फेरे लेकर फंस गए हम हाय किस्मत हमारी फूटी है, सात फेरे लेकर फंस गए हम हाय किस्मत हमारी फूटी है,
आज वो बूढ़े हो गये और कुछ ऊँचा सुनने लगे हैं। आज वो बूढ़े हो गये और कुछ ऊँचा सुनने लगे हैं।